प्रेरक प्रसंग
लोकोपदेशक प्रसंग
एक व्यक्ति के तीन बच्चे थे। उनके बारे में वह हमेशा चिंतित रहता था । एक दिन वह अपने तीनो बच्चों को लेकर एक बहुत ही पहुंचे फकीर के पास गया । फकीर ने उसके आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि ये तीनो उसके बच्चे है वह इनके गुणों और इनके भविष्य के बारे में जानना चाहता है।
फकीर ने बात को समझा और उन बच्चो को प्यार से बुलाया और उन तीनो को दो-दो केले दिए और खाने के लिए कहा। बच्चो ने तो केले खूब मजे से खा लिए पर एक ने केले खाकर छिलके सड़क पर फ़ेंक दिए। दुसरे ने कूड़ादान खोजा और उसमे जाकर डाल दिया और तीसरा बच्चे ने वह छिलके गाय को खिला दिया।
अब फकीर ने उनके पिता से कहा- "तुम्हारा पहला बच्चा मुर्ख और उदंड ,दूसरा बच्चा गुणी और समझदार और तीसरा बच्चा सज्जन और उदारचेता बनेगा ।"
तब पिता ने पूछा कि आपने कौन सा गणित लगाकर आख़िर ये भविष्यवाणी की । फकीर ने जबाब दिया "व्यवहार कि गणित से बढ़कर निर्धारण करने का और कोई उपाय नही होता आप जैसा आचरण करते है वैसा ही बनते भी है।
एक व्यक्ति के तीन बच्चे थे। उनके बारे में वह हमेशा चिंतित रहता था । एक दिन वह अपने तीनो बच्चों को लेकर एक बहुत ही पहुंचे फकीर के पास गया । फकीर ने उसके आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि ये तीनो उसके बच्चे है वह इनके गुणों और इनके भविष्य के बारे में जानना चाहता है।
फकीर ने बात को समझा और उन बच्चो को प्यार से बुलाया और उन तीनो को दो-दो केले दिए और खाने के लिए कहा। बच्चो ने तो केले खूब मजे से खा लिए पर एक ने केले खाकर छिलके सड़क पर फ़ेंक दिए। दुसरे ने कूड़ादान खोजा और उसमे जाकर डाल दिया और तीसरा बच्चे ने वह छिलके गाय को खिला दिया।
अब फकीर ने उनके पिता से कहा- "तुम्हारा पहला बच्चा मुर्ख और उदंड ,दूसरा बच्चा गुणी और समझदार और तीसरा बच्चा सज्जन और उदारचेता बनेगा ।"
तब पिता ने पूछा कि आपने कौन सा गणित लगाकर आख़िर ये भविष्यवाणी की । फकीर ने जबाब दिया "व्यवहार कि गणित से बढ़कर निर्धारण करने का और कोई उपाय नही होता आप जैसा आचरण करते है वैसा ही बनते भी है।
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