संता और बंता के चुटकुले

संता लड़खड़ाता हुआ एक बियर बार में पहुंचा। किसी तरह उसने अपने आप को सम्भालकर कुर्सी पर टिकाया। डकार लगाते हुए उसने बैरे से शराब लाने को कहा।
इस पर बैरे ने विनम्रतापूर्वक उससे कहा, “सर आप पहले ही काफी पी चुके हैं, अब मैं आपको और नहीं दे सकता, हां पर आपके लिए टैक्सी का इंतजाम जरूर कर सकता हूं।” संता कुछ बुदबुदाया और वहां से बाहर चला गया।
थोड़ी देर बाद संता फिर लड़खड़ाता हुआ दूसरे दरवाजे से, उसी बार में आया। कुर्सी पर बैठकर फिर शराब मांगी। इस बार बैरे ने संता को शराब देने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया। संता कुछ और हैरान हुआ और बुदबुदाने लगा। वह फिर लड़खड़ाता हुआ वहां से बाहर निकल गया।
इस बार संता पीछे के दरवाजे से बार में प्रवेश किया और कुर्सी पर बैठ गया। फिर वही बैरा आया और कुछ कड़े शब्दों में कहा, “सर आप बहुत पी चुके हैं। मैंने आपको समझाया पर आप बात मानने वाले नहीं। अब मैं पुलिस को बुलाऊंगा।”
संता इस बार निराश हो गया था। उसने बैरे से पूछा, “जिस-जिस बार में गया, तुम ही मिले। यह बताओ तुम एक साथ कितनी जगह काम करते हो?

बंता अपने बेटे के साथ मछली पकड़ने के लिए नदी में गया। बोट में बैठे-बैठे दो घंटे हो गए पर उसके कांटे में एक भी मछली नहीं आई।
उसका बेटा ऊब चुका था, वह इधर-उधर की बातें सोचने लगा। उसके दिमाग में तमाम तरह के सवाल उठने लगे। हर एक सवाल वह बंता से पूछने लगा।
उसने पूछा, “पापा यह बोट कैसे तैर रहा है?”
बंता ने जवाब दिया, “बेटा अभी नहीं”।
फिर बेटे ने पूछा, “पापा आकाश नीला क्यों होता है?”
बंता ने जवाब दिया, “बेटा अभी नहीं।”
फिर उसने पूछा, “पापा मछ्ली पानी में कैसे सांस लेती है?”
बंता ने कहा, “बेटा अभी नहीं।”
बंता का जवाब सुनकर बेटे ने सोचा कि उसने अपने पापा को शायद नाराज कर दिया है।
उसने बड़ी मासूमियत से कहा, “पापा क्या आपको मेरा सवाल पूछना बुरा लगता है?”
बंता ने फौरन जवाब दिया, “अरे नहीं बेटा, अगर तुम सवाल नहीं पूछोगे तो कभी कुछ नहीं सीख पाओगे।”

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