संता और बंता अमेरिका में

बंता अमेरिका गया था। एक दिन वह वहां के एक किराने दुकान में गया। जरूरत की सारी चीजें चुनकर वह काउंटर पर आया।
वहां खड़े कर्मचारी ने बिल बनाकर उसकी तरफ बढ़ा दिया। मगर बंता उनसे ‘फैट’मांगने लगा,“मेरा‘फैट’कहां है?”कर्मचारी उसकी बात समझ नहीं रहे थे। अंत में बंता चीखने-चिल्लाने लगा।
उसकी चिल्लाहट सुनकर दुकान में खड़े सभी लोग वहां जुट गए। दुकान का मैनेजर भी बंता के पास आ गया। मैनेजर को देखते ही बंता ने चीखते हुए कहा,“ओए मैनेजर, मैंने यह दही खरीदा है। इसके ऊपर लिखा है ‘फैट फ्री’, अब बताओ तुम्हारे लोग मुझे फैट नहीं दे रहे हैं।”

बंता फोटोग्राफी का काम करता था। एक बार एक राष्ट्रीय पत्रिका ने उसे जंगल में लगी आग की तस्वीरें लेने का काम सौंपा। उसे बताया गया कि उसके लिए एक छोटा विमान इंतजार कर रहा होगा। उसी पर से उसे आग की तस्वीरें लेनी है।
बंता नियत समय से एक घंटा पूर्व ही हवाई अड्डा पहुंच गया। सचमुच वहां एक छोटा विमान खड़ा था। वह अपने कैमरे के साथ विमान में उछल कर बैठ गया और पायलट से उड़ने को कहा।
पायलट की सीट पर बैठा व्यक्ति परेशान सा दिख रहा था। बंता के कहने पर उसने विमान को हवा में उड़ा दिया। विमान डगमगाते हुए उड़ रहा था।
बंता ने पायलट से कहा, “विमान को आग की उत्तर दिशा में लेना, कभी-कभी नीचे गोते भी लगाना।”
“ऐसा क्यों?” पायलट ने घबराते हुए पूछा। “मुझे तस्वीरें लेनी हैं। मैं फोटोग्राफर हूं और फोटोग्राफर का काम होता हैं तस्वीरें लेना” बंता ने चीखते हुए कहा।
एक छोटी चुप्पी के बाद पायलट ने कहा, “आपका मतलब है, आप मेरे प्रशिक्षक नहीं हैं।”

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