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Showing posts from August, 2008

हंसगुल्ले

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पति पत्नी मे झगडा हो रहा था, पति ने चीख कर कहा "तुमने मुझे कुत्ता समझ रखा है क्या? " "बिल्कुल नहीं, लेकिन भगवान् के लिए भोंकना बंद करो" पत्नी ने जबाब दिया पति पत्नी के बीच झगडा होने के बाद, पत्नी ने फ़ोन पर अपनी माँ को सारा किस्सा बताया, रोते हुए उसने कहा "माँ मैं आपके पास आ रही हूँ" "बेटी तुम यहाँ आ गयीं तो उसे अपने किए की सजा कैसे मिलेगी, तुम वहीं ठहरो मैं तुम्हारे पास आती हूँ" माँ ने सलाह दी

हंसगुल्ले

एक बार एक रेलगाड़ी सुनसान इलाके से रात को जा रही थी। जिसमें जीतू भैया और पंडित जी सफर कर रहे थे। अचानक जोर का ब्रेक लगा और गाड़ी रुक गई। पंडित जी ने कहा भैया लगता है गाड़ी का टायर पँक्चर हो गया है। जीतू भैया बोले मैं देख कर आता हूँ। जीतू नीचे उतरे और दौड़ कर वापस आये अरे पंडित जी कोई गाड़ी के सारे टायर ही चुरा कर ले गया। "अरे भग्वान ने 6 दिन मे सारी दुनिया बना डाली और तुम्हे एक कोट बनाने मे पूरा महीना लग रहा है" ग्राहक ने दर्जी से शिकायत की ! "इसिलिये तो कह रहा हु, जल्दी का काम ठीक नहीं होता, दुनिया की हालत तो आप देख ही रहे हैं " दर्जी ने अपनी सफाई दी एक फार्म के मलिंक ने अपने एक कर्मचारी से कहा, "तुमने हमारी फर्म मे काफी म्हणत और लगन से काम किया है इसीलिए इनाम के तौर पर मैं तुम्हे एक हज़ार रूपये का चेक दे रहा हूँ अगर तुम इसी तरह काम करते रहे टू अगले साल मैं इस चेक पर साइन भी कर दूंगा गजोधर सोने का कप उठाये हांफता हुआ घर पहुँचा और कप बीबी को थमा कर धम्म से सोफे पर गिर गया बीबी ने खुश होकर पूछा "दौड़ मे कितने आदमी थे?" "सिर्फ़ ३, सबसे आगे मैं और उसके ब

लाइनमैन संता

संतासिंह ट्रेन के लाइनमैन की नौकरी के लिए इन्टरव्यू देने गया। उससे पूछा गया: इन्टरव्यूवर : संतासिंह मान लो तुम्हे पता चलता है कि तुम्हारे ट्रेक पर दो रेलगाडियां विपरीत दिशा से आ रही है और उनमे टक्कर होने वाली है तो तुम क्या करोगे? संतासिंह: मै किसी एक ट्रेन को दूसरी लाइन पर स्विच कर दूंगा। इन्टरव्यूवर : अगर लीवर काम नही कर रहा हो तो? संतासिंह: तो मै हाथ से लीवर को खींचने की कोशिश करूंगा। इन्टरव्यूवर :अगर वो भी काम नही किया तो? संतासिंह: मै दोनो तरफ़ के स्टेशन मास्टर को खबर करूंगा। इन्टरव्यूवर :अगर फोन भी काम नही कर रहा हो तो? संतासिंह: मै लाल कपड़ा लेकर ट्रेक पर खड़ा हो जाऊंगा। इन्टरव्यूवर : अगर उस समय कोई लाल कपड़ा नही मिला तो? संतासिंह: फिर मै अपनी बीबी प्रीतो, को बुलाऊंगा। इन्टरव्यूवर :क्यों क्या वो कोई इन्जीनियर है? संतासिंह: नही, उसने कभी रेलगाड़ियों की टक्कर नही देखी ना। बांकेलाल (प्यारेलाल से)- यार मैं सोचता था कि इस दुनिया में सिर्फ मैं ही उल्लू हूं। प्यारेलाल (बांकेलाल से)- क्यों क्या हुआ? बांकेलाल (प्यारेलाल से)- कल मैंने अपनी पत्नी को कश्मीरी सेब लाने को कहा था। प्यारेलाल (बांकेल

संता और बंता अमेरिका में

बंता अमेरिका गया था। एक दिन वह वहां के एक किराने दुकान में गया। जरूरत की सारी चीजें चुनकर वह काउंटर पर आया। वहां खड़े कर्मचारी ने बिल बनाकर उसकी तरफ बढ़ा दिया। मगर बंता उनसे ‘फैट’मांगने लगा,“मेरा‘फैट’कहां है?”कर्मचारी उसकी बात समझ नहीं रहे थे। अंत में बंता चीखने-चिल्लाने लगा। उसकी चिल्लाहट सुनकर दुकान में खड़े सभी लोग वहां जुट गए। दुकान का मैनेजर भी बंता के पास आ गया। मैनेजर को देखते ही बंता ने चीखते हुए कहा,“ओए मैनेजर, मैंने यह दही खरीदा है। इसके ऊपर लिखा है ‘फैट फ्री’, अब बताओ तुम्हारे लोग मुझे फैट नहीं दे रहे हैं।” बंता फोटोग्राफी का काम करता था। एक बार एक राष्ट्रीय पत्रिका ने उसे जंगल में लगी आग की तस्वीरें लेने का काम सौंपा। उसे बताया गया कि उसके लिए एक छोटा विमान इंतजार कर रहा होगा। उसी पर से उसे आग की तस्वीरें लेनी है। बंता नियत समय से एक घंटा पूर्व ही हवाई अड्डा पहुंच गया। सचमुच वहां एक छोटा विमान खड़ा था। वह अपने कैमरे के साथ विमान में उछल कर बैठ गया और पायलट से उड़ने को कहा। पायलट की सीट पर बैठा व्यक्ति परेशान सा दिख रहा था। बंता के कहने पर उसने विमान को हवा में उड़ा दिया। विमान डग

संता और बंता के चुटकुले

संता लड़खड़ाता हुआ एक बियर बार में पहुंचा। किसी तरह उसने अपने आप को सम्भालकर कुर्सी पर टिकाया। डकार लगाते हुए उसने बैरे से शराब लाने को कहा। इस पर बैरे ने विनम्रतापूर्वक उससे कहा, “सर आप पहले ही काफी पी चुके हैं, अब मैं आपको और नहीं दे सकता, हां पर आपके लिए टैक्सी का इंतजाम जरूर कर सकता हूं।” संता कुछ बुदबुदाया और वहां से बाहर चला गया। थोड़ी देर बाद संता फिर लड़खड़ाता हुआ दूसरे दरवाजे से, उसी बार में आया। कुर्सी पर बैठकर फिर शराब मांगी। इस बार बैरे ने संता को शराब देने से स्पष्ट रूप से मना कर दिया। संता कुछ और हैरान हुआ और बुदबुदाने लगा। वह फिर लड़खड़ाता हुआ वहां से बाहर निकल गया। इस बार संता पीछे के दरवाजे से बार में प्रवेश किया और कुर्सी पर बैठ गया। फिर वही बैरा आया और कुछ कड़े शब्दों में कहा, “सर आप बहुत पी चुके हैं। मैंने आपको समझाया पर आप बात मानने वाले नहीं। अब मैं पुलिस को बुलाऊंगा।” संता इस बार निराश हो गया था। उसने बैरे से पूछा, “जिस-जिस बार में गया, तुम ही मिले। यह बताओ तुम एक साथ कितनी जगह काम करते हो? बंता अपने बेटे के साथ मछली पकड़ने के लिए नदी में गया। बोट में बैठे-बैठे दो घंटे हो

संता बंता

बंता हेलीकॉप्टर उड़ाने का प्रशिक्षण लेने गया। पहले दिन ही वह हेलिकॉप्टर उड़ाना चाह रहा था। प्रशिक्षक ने उसकी जिद पर उसे हेलिकॉप्टर उड़ाने की इजाजत दे दी। उसने रेडियो पर उसे कुछ जरूरी सूचना दी और उड़ान की कुछ प्रक्रिया के बारे में बताया। बंता का हेलिकॉप्टर हवा में उठने लगा। 1,000 फीट की ऊंचाई पर उसने रेडियो पर सूचना भेजी कि उसे बहुत अच्छा लग रहा है और वह हेलिकॉप्टर बहुत अच्छी तरह से उड़ा रहा है। कुछ ही मिनट में बंता का हेलिकॉप्टर 3,000 फीट की ऊंचाई पर जा पहुंचा। अचानक तभी हेलिकॉप्टर लड़खड़ाता हुआ नीचे की तरफ आने लगा। हेलिकॉप्टर को गिरता देख प्रशिक्षक बहुत डर गया। हेलिकॉप्टर नीचे आ गिरा। प्रशिक्षक दौड़कर हेलिकॉप्टर के मलबे के पास पहुंचा और किसी तरह बंता को बाहर निकाला। बंता होश में था। उसने बंता से पूछा कि आखिर हुआ क्या था? वह अच्छा उड़ा रहा था। बंता ने जवाब दिया, “मुझे भी कुछ पता नहीं। सब कुछ बढ़िया था। फिर मुझे ठंड लगने लगी और मैने अपने ऊपर का बड़ा पंखा बंद कर दिया।” संता और बंता रात के खाने के लिए बाहर गए। रेस्त्रां में बैठ कर बेयरे से उन्होंने दो पैग शराब लाने को कहा। जब तक बेयरा शराब लेकर आता,

शराब खाने मे

संता शराबखाने में बैठा हुआ कुछ सोच रहा था। तभी उसे एक कोने में एक जादुई चिराग दिखाई पड़ा। वह चिराग के पास गया और उसे हिलाकर देखने लगा।उस चिराग से एक जिन्न निकला। उसने संता से उसकी किसी तीन ख्वाहिशों के बारे में पूछा। संता ने कुछ देर सोचा फिर बोला, “मैं ऐसी शराब चाहता हूं जो कभी खत्म न हो।”जिन्न ने हवा में हाथ लहराया। संता की मेज पर शराब से भरी बोतल आ गई। संता ने आजमाना चाहा। उसने बोतल की सारी शराब पी ली। लेकिन बोतल खाली नहीं हुई, वह पहले की तरह ही भरी रही।तब जिन्न ने उससे उसकी दूसरी और तीसरी ख्वाहिशों के बारे में पूछा। संता ने कुछ सोचकर कहा, “शराब की ऐसी दो और बोतलें आ जाएं।” संता और उसकी पत्नी जीतो काफी खुश थे। काफी लम्बे समय के इंतजार के बाद उन्हें गोद लेने के लिए एक बच्चा मिल पाया था। बच्चों के देखभाल केंद्र के व्यवस्थापक ने उन्हें बुलाकर कहा कि उनके पास एक तमिल बच्चा आया है। वे दोनों बच्चे को ले जा सकते है।बच्चे को लेकर दोनो खुशी-खुशी घर लौट रहे थे। रास्ते में वे दोनो एक रात्रि कॉलेज में दाखिला लेने पहुंचे। दाखिले के कागजातों को भर लेने के

संता और बंता के किस्से 1

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संता और बंता के किस्से 2

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संता और बंता के किस्से 3

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हंसते हँसाते

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कविता कोष से "साभार"

खुलता नहीं है हाल किसी पर कहे बग़ैरपर दिल की जान लेते हैं दिलबर कहे बग़ैर मैं क्यूँकर कहूँ तुम आओ कि दिल की कशिश से वोआयेँगे दौड़े आप मेरे घर कहे बग़ैर क्या ताब क्या मजाल हमारी कि बोसा लें लब को तुम्हारे लब से मिलाकर कहे बग़ैर बेदर्द तू सुने ना सुने लेक दर्द-ए-दिल रहता नहीं है आशिक़-ए-मुज़तर कहे बग़ैर तकदीर के सिवा नहीं मिलता कहीं से भी दिलवाता ऐ "ज़फ़र" है मुक़द्दर कहे बग़ैर

सॅंटा और बँटा

क्या तुम उड़ सकते होक्या संजीवनी बूटी ला सकते होसीना चीर के दिखा सकते होनही नाबेटा सिर्फ़ शकल बन्दर जैसी होने से कोई "हनुमान जी" नही बन सकतालड़का: जानेमन इस दिल में आजालड़की: सेंडल निकालू क्या?लड़का: अरे पगली...ये मंदिर नही है ऐसे ही आजा.....लड़का: मुझसे शादी करोगी..लड़की: क्या??लड़का: अच्छी फ़िल्म है ना..लड़की: कुत्ते के बच्चे..लड़का: क्या??लड़की: कितने अच्छे होते है ना..एक लड़की ने एक सिक्का डालके अपना वजन देखा 58kgसेंडल उतारी 56kgजैकेट उतारी 53kgफिर दुप्पटा उतरा 52kgऔर उसके बाद सिक्के ख़त्म हो गए1 भीकारी बोला तू चालू रह सिक्के मैं दूंगा.संता : कुत्ते की पूछ को एक पाइप में ज़बरदस्ती डाल रहा था.बँटा : ओये, कुत्ते की दुम कभी सीधी नही होती.संता : बेवकूफ, मैं तो पाइप बंद कर रहा हूँ.

हंस लो भाई ...

एक करोड़पति मर गया और स्वर्ग का दरवाजा खटखटाने लगा।देव : कौन हो तुम ?करोड़पति : मैं धरती पर करोड़पति था । मुझे स्वर्ग में प्रवेश चाहिये।देव : स्वर्ग में रहने लायक तुमने कौन सा काम किया है ?करोड़पति : मैंने एक बार एक भूखी भिखारिन को दो रुपये दिये थे। एक बार मेरी कार से टकराकर घायल हुए एक बच्चे को एक रुपया दिया था ....देव : और कुछ किया ?करोड़पति : और कुछ तो याद नहीं आता ......देव (दूसरे देव से): भाई, क्या करें इसका ?दूसरा देव : इसके तीन रुपये लौटाकर नरक में भेज दो ..............

प्रेरक प्रसंग

लोकोपदेशक प्रसंग एक व्यक्ति के तीन बच्चे थे। उनके बारे में वह हमेशा चिंतित रहता था । एक दिन वह अपने तीनो बच्चों को लेकर एक बहुत ही पहुंचे फकीर के पास गया । फकीर ने उसके आने का कारण पूछा तो उसने बताया कि ये तीनो उसके बच्चे है वह इनके गुणों और इनके भविष्य के बारे में जानना चाहता है। फकीर ने बात को समझा और उन बच्चो को प्यार से बुलाया और उन तीनो को दो-दो केले दिए और खाने के लिए कहा। बच्चो ने तो केले खूब मजे से खा लिए पर एक ने केले खाकर छिलके सड़क पर फ़ेंक दिए। दुसरे ने कूड़ादान खोजा और उसमे जाकर डाल दिया और तीसरा बच्चे ने वह छिलके गाय को खिला दिया। अब फकीर ने उनके पिता से कहा- "तुम्हारा पहला बच्चा मुर्ख और उदंड ,दूसरा बच्चा गुणी और समझदार और तीसरा बच्चा सज्जन और उदारचेता बनेगा ।" तब पिता ने पूछा कि आपने कौन सा गणित लगाकर आख़िर ये भविष्यवाणी की । फकीर ने जबाब दिया "व्यवहार कि गणित से बढ़कर निर्धारण करने का और कोई उपाय नही होता आप जैसा आचरण करते है वैसा ही बनते भी है।